हवा के झोंके ने फिर से पन्नों को सहलाया,
एक तो हुस्न कयामत उसपे होठों का लाल होना।
जहाँ तक रास्माता मालूम था हमसफर चलते गए,
तुम्हारे लब को छूने का इरादा रोज करता हूँ,
अगर मोहब्बत से पेश आते तो न जाने क्या होता।
मंजिल की तलाश में खुद को अकेले चलना होगा,
भटका हूँ तो क्या हुआ संभालना भी खुद को होगा।
खुदा माना, आप न माने, वो लम्हे quotesorshayari गए यूँ ठहर से,
तेरे इशारों पर मैं नाचूं क्या जादू ये तुम्हारा है,
चेहरा तेरा चाँद का टुकड़ा सारे जहाँ से प्यारा है।
कुछ ज़रूरतें पूरी, कुछ ख्वाहिशें अधूरी,
बेचैन दिल को सुकूं की तलाश में दर-ब-दर तो न कर,
कि पता पूछ रहा हूँ मेरे सपने कहाँ मिलेंगे?
तेरी चिट्ठी जो किताबों में छुपा रखी है।