दहलीज हूँ... दरवाजा हूँ... दीवार नहीं हूँ।
हम उससे थोड़ी दूरी पर हमेशा रुक से जाते हैं,
वो लम्हे याद करता हूँ तो लगते हैं अब जहर से।
मैंने कहा, नहीं दिल में एक बेवफा की तस्वीर बसी है,
रास्ते पर तो खड़ा हूँ पर चलना भूल गया हूँ।
मेरी चाहत को दुल्हन तू बना लेना, मगर सुन ले,
मुझे सताने के सलीके तो उन्हें बेहिसाब आते हैं,
बिछड़ के तुझसे quotesorshayari हर रास्ता सुनसान रहता है,
तुमको याद रखने में मैं क्या-क्या भूल जाता हूँ,
बिछड़ के मुझ से वो दो दिन उदास भी न रहे।
हुजूर लाज़िमी है महफिलों में बवाल होना,
यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नहीं सकता,
खुदा की तरह चाहने लगे थे उस यार को, वो भी खुदा की तरह हर एक का निकला।
समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नहीं सकता,