तू ने किसको आबाद किया मुझे बर्बाद करके।
खरीद लाये थे कुछ सवालों का जवाब ढूढ़ने।
वो लम्हे याद करता हूँ तो लगते हैं अब जहर से।
जब से तुमको देखा है दिल बेकाबू हमारा है,
मैं धीरे-धीरे उनका दुश्मन-ए-जाँ बनता जाता हूँ,
मंजिल की तलाश में खुद को अकेले चलना होगा,
उजालों में चिरागों की अहमियत नहीं होती।
बिछड़ के तुझसे हर रास्ता सुनसान रहता है,
सुना है कि महफ़िल में वो बेनकाब आते हैं।
मैं shayari in hindi घर का रास्ता भूला, जो निकला आपके शहर से,
अब तक सबने बाज़ी हारी इस दिल को रिझाने में,
यह आँसू प्यार का मोती है, इसको खो नहीं सकता,
खुदा की तरह चाहने लगे थे उस यार को, वो भी खुदा की तरह हर एक का निकला।
समंदर पीर का अन्दर है, लेकिन रो नहीं सकता,